भीड़ के रूप और रंग
एक भीड़ बच्चों की है
जो बस्ते के बोझ तले, भविष्य के सपने संवारती है
एक भीड़ उन लाचारों की है
जो सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटती है
एक भीड़ उन शेरों की है
जो सिर्फ़ सोशल मिडिया के पर्दे के पीछे से दहाड़ती है
एक भीड़ बेरोजगारों की है
जो हर आंदोलन में सड़कों की धूल कँघालती है
एक भीड़ उन महिलाओं की है
जो कभी कभी बुलंद स्वर कर उन्हें ललकारती हैं
कभी अच्छी भी यह भीड़ और कभी बहुत बुरी भी
कभी सही भी होती है तो कभी बिलकुल गलत भी
तराजू लेकर बैठिये, देखिये किस तरफ झुकता है
अच्छे या सही की तरफ , बुरे या गलत की तरफ
अपना भी मूल्याँकन है
हिम्मत से करियेगा
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